वैसे तो ज़िंदगी दुरुस्त ही थी
कुछ नही था तो बस तुम नहीं थी
कहने को तो साँसें चल ही रहीं थीं मगर
कुछ नही था तो बस तुम नहीं थी
तमन्ना उठी के तुम्हारे सिर को गोद मे रखकर तुम्हे प्यार करूँ
पर पास सिर्फ़ भीगा तकिया था, तुम नहीं थी
खो गया हूँ मैं शायद ज़िंदगी की मुश्किल राहों मे क्योंकि….
मुझे संभालने के लिए मेरे पास तुम नहीं थी
बात करने को तो सारा ज़माना आस पास था मेरे मगर….
मेरी बात को सुनने के लिए तुम नहीं थी
किसी ने माथा चूमा तो किसी ने गाल
पर मेरे होठों को चूमने वाली तुम नहीं थी
वो कहते हैं हर किसी से प्यार करो, अपना समझो
पर कोई सिर्फ़ मुझसे प्यार करता है, ये कहने वाली तुम नहीं थी
शरीर की प्यास तो पानी बुझाता चला गया
पर आत्मा की प्यास बुझाने वाली तुम नहीं थी
For those who can't read Hindi
Waise to zindagi durust hi thi
Kuch nahi tha to bus tum nahi thi
Kehne ko to saansein chal hi rahin thin magar
Kuch nahi tha to bus tum nahi thi
Tamanna uthi ke tumhare sir ko god me rakhkar tumhe pyaar karu
Par paas sirf bheega takiya tha, tum nahi thi
Kho gaya hu main shayad zindagi ki mushkil raahon me kyuki….
Mujhe sambhalne ke liye mere paas tum nahi thi
Baat karne ko to saara zamana aas paas tha mere magar….
Meri baat ko sunne ke liye tum nahi thi
Kisi ne matha chooma to kisi ne gaal
Par mere hothon ko choomne wali tum nahi thi
Wo kehte hain har kisi se pyaar karo, apna samjho
Par koi sirf mujhse pyaar karta hai, ye kehne wali tum nahi thi
Shareer ki pyaas to paani bujhata chala gaya
Par aatma ki pyaas bujhaane wali tum nahi thi