Sundarta/Saundrya – Naari Ka Sammaan

सुंदरता क्या है?
सुंदरता वो नहीं जो बिना कपड़ों के आजकल खुले-आम बिकती है !!!!

सुंदरता वो है जो एक दुल्हन के लिबास मे बिखरती है
सुंदरता वो है जो उसके समर्पित स्वाभाव मे सँवरती है

जब वो घूँघट मे शर्मा के अपना चेहरा छुपाति है
सुंदरता वो है जो उस आकार मे दिखती है

सुंदरता वो नहीं जो सोने चाँदी के ज़ेवरों से हो
सुंदरता वो है जो उसकी कलाई मे लाल-हरी चूड़ियों से सजती है

सुंदरता वो नहीं के वो कैसा बोलती है
पर उसकी हर बात पायल की आवाज़ से बनती है

सुंदरता उसकी झूठी मुस्कान मे नहीं
सुंदरता वो है जो उसके खुशी के आँसुओ मे झलकती है

उसके जिस्म का सौन्दर्य तो महज़ सिर्फ़ एक छूने का एहसास भर है
असली सुंदरता तो उसके बे-हिसाब प्यार मे रमती है

भले ही एक माँ हो, बेटी, बहन या फिर बीवी
हर रिश्ते मे वो एक सम्मान सा भरती है

और ऐसी सुंदरता हर जगह हर नारी मे है
पर मेरे भारत की नारी मे वो कुछ ख़ास बस्ती है

पर मेरे भारत की नारी मे वो कुछ ख़ास बस्ती है
पर मेरे भारत की नारी मे वो कुछ ख़ास बस्ती है

For those who can’t read Hindi

Sundarta kya hai?
Sundarta wo nahi jo bina kapdo ke aajkal khule-aam bikti hai !!!!

Sundarta wo hai jo ek dulhan k libaas me bikharti hai
Sundarta wo hai jo uske samarpit swabhav me sanwarti hai

Jab wo ghunghat me sharma k apna chehra chupati hai
Sundarta wo hai jo us aakaar me dikhti hai

Sundarta wo nahi jo sone chandi ke zevero se ho
Sundarta wo hai jo uski kalai me laal-hari chudio se sajti hai

Sundarta wo nahi k wo kaisa bolti hai
Par uski har baat payal ki awaaz se banti hai

Sundarta uski jhooti muskaan me nahi
Sundarta wo hai jo uske khushi k aansuo me jhalakti hai

Uske jism ka saundrya to mahaz sirf ek choone ka ehsaas bhar hai
Asali sundarta to uske be-hisaab pyaar me ramti hai

Bhale hi ek ma ho, beti, behan ya fir biwi
Har rishtey me wo ek sammaan sa bharti hai

Aur aisi sundarta har jagah har naari me hai
Par mere BHARAT ki naari me wo kuch khaas basti hai

Par mere BHARAT ki naari me wo kuch khaas basti hai
Par mere BHARAT ki naari me wo kuch khaas basti hai

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